ब्राम्हण की वर्तमान स्तिथी- एक कविता डॉ ओ.पी.व्यास गुना





















==========================================================================
इस साईट पर उपलब्ध लेखों में विचार के लिए लेखक/प्रस्तुतकर्ता स्वयं जिम्मेदार हे| इसका कोई भी प्रकाशन समाज हित में किया जा रहा हे|सभी समाज जनों से सुझाव/सहायता की अपेक्षा हे|